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शमी ( Shammi ) वृक्ष

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शमी (SHAMMI) वृक्ष शास्त्रों में कहा गया है कि एक पेड़ दस पुत्रों के समान होता है। पेड़-पौधे घर की सुंदरता के साथ-साथ घर की सुख-शांति के द्योतक भी माने जाते हैं। हिंदू सभ्यता में मान्यता है कि कुछ पेड़-पौधों को घर में लगाने या उनकी उपासना करने से घर में सदा खुशहाली रहती है और घर में सदैव लक्ष्मी का वास रहता है। पीपल, केला और शमी का वृक्ष आदि ऐसे पेड़ हैं जो घर मंद समृद्धि प्रदान करते हैं। मान्यता है कि शमी का पेड़ घर में लगाने से देवी-देवताओं की कृपा बनी रहती है। पीपल और शमी दो ऐसे वृक्ष हैं जिन पर शनि का प्रभाव होता है। इसलिए लोग इन्हे घर में लगाने से भी डरते है पीपल का वृक्ष बहुत बड़ा होता है इसलिए इसे घर में लगाना संभव नहीं हो पाता। लेकिन शम्मी का पौधा आप गमले में भी लगा सकते है बिहार और झारखंड में यह वृक्ष अधिकतर घरों के दरवाजे के बाहर लगा हुआ मिलता है। ' खेजड़ी' या 'शमी' वृक्ष थार के मरुस्थल एवं अन्य स्थानों में ज्यादातर पाया जाता है। यह वहां के लोगों के लिए बहुत उपयोगी है।  यह वृक्ष दुनिया के विभिन्न देशों में पाया जाता है जहाँ इसके अलग अलग नाम हैं। इसके अन्य

अब आप भी चखे ' ब्लू टी ( Blue Tea ) ' का स्वाद

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अपराजिता के फूलों से बनी ब्लू टी चाय एक ऐसी सौगात है जिसे ईस्ट इंडिया कंपनी 1800 शताब्दी में ब्रिटेन से भारत में अपने साथ लाई अंग्रेज़ो ने दार्जलिंग,शिमला जैसे ठन्डे पहाड़ी इलाको में अपने साथ लाये चाय के पौधे लगाए और भारत में चाय बागान आस्तित्व में आये तब से लेकर अब तक हमारे देश में ज्यादातर लोगों की जुबान पर चाय के स्वाद का ऐसा चस्का लगा हुआ है कि उनके दिन की शुरूआत बगैर चाय के होती ही नहीं है कुछ लोग दूधवाली चाय पीते हैं तो कुछ लोगों को 'ग्रीन टी 'और 'ब्लैक टी' का स्वाद बहुत भाता है वैसे जो लोग अपनी सेहत का खास ख्याल रखते हैं वो लोग अक्सर ग्रीन टी पीना पसंद करते हैं लेकिन आज हम आपको एक ऐसी चाय के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका सेवन करने के बाद आप ग्रीन टी और ब्लैक टी पीना शायद पसंद भी नहीं करेंगे दिनभर की भागदौड़ से होने वाली थकान और तनाव को दूर करने के लिए ज्यादातर भारतीय गरमा-गरम चाय की चुस्की लेना पसंद करते हैं लेकिन अगर आप थकान और तनाव को झट से दूर भगाना चाहते हैं तो आपको अपराजिता के फूलों से बनी चाय ( BLUE TEA ) का इस्तेमाल करना चाहिए अपराजिता के फूल दे