Posts

Showing posts from April, 2018

राई वाला हरी मिर्च का अचार- ( Mustard Green Chilli Pickle )

Image
हरी मिर्च का अचार अचार को साल भर की 'सब्जी या भाजी' भी कहा जाता है अचार को बनाने की परम्परा हमारे प्राचीन हस्तलिखित पांडुलिपियों में भी दर्ज़ है पीढ़ी दर पीढ़ी ये विरासत हमारी दादी,नानी,और मां द्वारा अगली पीढ़ी को ट्रांसफर होती रही है खाने के साथ अचार खाने से मुंह का स्वाद बन जाता है तीखा खाने वाले लोग हरी मिर्च के अचार को बहुत पसन्द करते हैं आज हम हरी मिर्च का राई वाला अचार ( Mustard Chilli Pickle recipe ) बना रहे हैं हरी मिर्च राई वाला अचार की सामग्री हरी मिर्च 200 ग्राम निम्बू का रस आधा कप सौंफ 50 ग्राम राई 5 ग्राम लाल मिर्च पाउडर 1 चम्मच मेथी आधा चम्मच सरसो दाना आधा चम्मच भुना जीरा पाउडर 2 चम्मच नमक स्वाद अनुसार सरसों का तेल 3 चम्मच हरी मिर्च का राई वाला अचार बनाने की विधि हरी मिर्च अचार के लिये पकी हुई प्रयोग में लेते हैं हरी मिर्च को अच्छी तरह धो लीजिये, सुखाइये डंठल तोड़िये और साफ कपड़े से पोंछ कर इस तरह ऊपर से नीचे तक चीरा लगाइये कि मिर्च एक तरह पूरी तरह जुड़ी रहे सरसों के दाने और मेथी को पीस लें अब इसमें लाल मिर्च हल्दी भुना हुआ ज

देवलोक का वृक्ष पारिजात या हरसिंगार ( Parizaat or Harsingaar )

Image
इस खूबसूरत दुनिया में रंग-बिरंगे अनेक फूल मौजूद हैं जिनमें से एक खूबसूरत फूल पारिजात या हरसिंगार है ये उन प्रमुख वृक्षों में से एक है जिसके फूल ईश्वर की आराधना में महत्त्वपूर्ण स्थान रखते हैं ये फूल पवित्र और शुद्धता के प्रतीक माने जाते हैं इसलिए देवताओं को यह खूब भाते हैं परिजात के वृक्ष को दैवीय कहा जाता है धन की देवी लक्ष्मी को पारिजात के पुष्प प्रिय हैं उन्हें प्रसन्न करने में भी पारिजात पुष्प का उपयोग किया जाता है "ओम नमो मणिंद्राय आयुध धराय मम लक्ष्मी़वसंच्छितं पूरय पूरय ऐं हीं क्ली हयौं मणि भद्राय नम:" मन्त्र का जाप 108 बार करते हुए नारियल पर पारिजात पुष्प अर्पित किये जाएँ और पूजा के इस नारियल व फूलों को लाल रंग कपड़े में लपेटकर घर के पूजा घर में स्थापित किया जाए तो लक्ष्मी सहज ही प्रसन्न होकर साधक के घर में वास करती हैं। यह पूजा वर्ष के पाँच शुभ मुहर्त- होली, दीवाली, ग्रहण, रवि पुष्प तथा गुरु पुष्प नक्षत्र में की जाए तो उत्तम फल प्राप्त होता है। यह तथ्य भी महत्त्वपूर्ण है कि पारिजात वृक्ष के वे ही फूल उपयोग में लाए जाते हैं जो वृक्ष से टूटकर गिर जाते हैं।
बेसिक थाई करी सामग्री 6 टेबल स्पून थाई रेड /ग्रीन करी पेस्ट 400 मिली कोकोनट क्रीम 100 ग्राम कटा हुआ प्याज 20 -30 लेमन ग्रास 30 -40 बेसिल 8 कतरी हुई लाल मिर्च 6 टेबल स्पून निम्बू का रस 1 टेबल स्पून चीनी 2 टेबल स्पून तेल स्वादानुसार नमक विधि एक पैन में तेल गर्म करे और प्याज डालकर हल्का गुलाबी करे फिर करी पेस्ट डालकर 2 मिनट तक धीमी आंच पर पकाएं 1 कोकोनट क्रीम डालकर चलाएं और एक उबाल दे अब निम्बू का रस छोड़कर शेष सभी सामग्री डाले करी को धीमी धीमी आंच में चलाते हुए 15-20 मिनट तक पकाए सब्जियां या चिकेन डालने के बाद निम्बू का रस डाले निम्बू पत्तो और बेसिल से सजाकर सर्व करे नोट अगर आप शाकाहारी हैं तो चिकेन की जगह हलकी पकी सब्जियां जैसे ब्रोकली बेबी कॉर्न कॉलीफ्लोर एस्पेरेगस मशरूम गाजर फ्रेंच बीन्स इस्तेमाल कर सकती है चिकेन थाई करी बनाने के लिए चिकेन के छोटे छोटे टुकड़े कर लें और थाई फिश सॉस डालकर मॅरिनेट कर लें फिर उसका पेस्ट बनाकर उसमे चिकेन के छोटे टुकड़े डालकर धीमी आंच में चिकेन को अच्छी तरह पकाए 
चॉकलेट बनाना आइसक्रीम सामग्री पके और ठंडे 3 केले दो चम्मच कॉफ़ी 5 चम्मच कोकोआ पाउडर वैनिला एक्सट्रैक्ट विधि सबसे पहले केले को ग्राइंडर में डालकर पीस ले इसके बाद इसमें कोकोआ पाउडर कॉफी और वैनीला एक्सट्रैक्ट डालकर अच्छी तरह चलाए तब तक चलाए जब तक कि यह क्रीम ना हो जाए इसके बाद इसे स्कूप की मदद से सर्विंग बाउल में निकाल लें बादाम या किसी भी ड्राई फ्रूट्स से गार्निश कर सर्व करे 
गर्मियों में चिल कर देगी मैंगो रबड़ी सामग्री आम 2 (500 ग्राम ) चीनी 70 -80 ग्राम काजू 4 बादाम 4 इलाइची 4 पिस्ते 8 -10 दूध 1 लीटर विधि दूध को भारी तले की कड़ाही में डालकर गरम करने के लिए रखिए दूध में उबाल आने पर गैस मीडियम कर दीजिए करछी को कड़ाई के तेल तक ले जाते हुए चलाएं ताकि दूध तले पर न लगे कड़ाई में दूध गाड़ा होने दें जब तक दूध एक़ तिहाई ना रह जाए तब तक पकाए बादाम और काजू को छोटे छोटे टुकड़ो में काट कर तैयार कर लें पिस्ते को लम्बाई में पतला पतला काट लें इलाइची को छील कर इसके दानो का पाउडर बना लीजिए  आम को छीलकर इसे छोटे छोटे टुकड़ो में काट कर तैयार कर ले दूध के गाढ़ा हो जाने पर इसमें चीनी और कतरे हुए काजू बादाम और पिस्ते डालकर मिक्स कर लें और गैस बंद कर दे अब रबड़ी में आम के बारीक़ कटे हुए टुकड़े और इलाइची पाउडर डालकर मिला लें स्वादिस्ट अच्छेदार रबडी बनकर तैयार हैं

700 साल के बीमार ' बरगद ' के पेड़ को चढ़ाई जा रही है ‘ड्रिप’

Image
   भारतीय ' बरगद ' के पेड़ तेज़ी से बढ़ने और मज़बूत जड़ों के लिए जाने जाते हैं वे इतनी तेज़ी से बढ़ते हैं कि उनकी जड़ें शाखों से गिरती हैं ताकि पेड़ को अतिरिक्त सहारा मिल सके दक्षिण भारत के तेलंगाना राज्य में 700 साल पुराना बरगद का पेड़ है जिसे एक ख़ास तरीके की 'ड्रिप' की बोतलें चढ़ाई जा रही है अभी तक आपने डॉक्टर्स को ही मरीज़ो को ड्रिप लगाते देखा होगा लेकिन पेड़ो को बचाने के लिए भी अब इस पद्धति का उपयोग किया जा रहा है इन बोतलों में एक विशेष कीटनाशक है जो दीमक के कीड़ों को दूर रखने के लिए है यह विशाल पेड़ लगभग तीन एकड़ में फैला हुआ है और ऐसा माना जाता है तेलंगाना के महबूब नगर जिले में स्थित बरगद का पेड़ दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा पेड़ है जहाँ ये पेड़ है वो एक लोकप्रिय पर्यटक स्थल है बरगद का यह पेड़ पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र था। यहां दूर-दूर से पर्यटक इसे देखने आते थे इसकी देखभाल का जिम्मा पर्यटन विभाग को था। पर्यटन विभाग ने पेड़ के संरक्षण के लिए तमाम प्रयास किए लेकिन कोई भी प्रयोग उसे दीमकों से बचाने में सफल नहीं रहा। ये पेड़ बुरी तरह से दीमक की चपेट में आ चु

स्वर्ग का फूल ( Udumbara )...... 3000 साल में सिर्फ एक बार खिलता है ये पवित्र फूल

Image
स्वर्ग का फूल दुनिया के कई इलाकों में एक ऐसा फूल पाया जाता है जिसे लेकर मान्यता है कि ये 3 हजार साल में एक बार दिखाई देता है। इस फूल का संस्कृत नाम Udumbara है जिसका मतलब है "स्वर्ग का फूल ''. ......पिछले कई सालों में दुनियाभर में इसे देखे जाने का दावा किया गया है सबसे ताजा मामला 2007 का है जब चीन के डॉ.डिंग ने इस फूल को खोजा था। उनके गार्डन में 38 फूल का एक गुच्छा दिखाई दिया था ऐसी मान्यता है कि सबसे पहले धरती पर ये फूल भगवान गौतम बुद्ध के जन्म के पहले दिखाई दिया था। इसके बाद 1997 में साउथ कोरिया के एक मंदिर में भगवान बुद्ध की मूर्ति पर ये ऊगा था। बौद्ध ग्रंथों में इस फूल को विशेष महत्व दिया गया है    इस फूल की खासियत ये है कि जहां पर भी ये ऊगता है वहां खुशबू फैल जाती है पर नंगी आंखों से इस फूल को देखा ही नहीं जा सकता है। इसे देखने के लिए मैग्निफाइंग लेंस या फिर माइक्रोस्कोप की जरूरत पड़ती है ........ऐसा भी माना जाता है कि ये फूल नहीं बल्कि lacewing insect के अंडे होते हैं पेड़ पर ये कीड़ा इन अंडों को देता है और फिर इसमें से फूलनुमा खुशबूदार चीज बाहर

सूजी के चटपटे गोलगप्पे ( Golgappe ) व हाजमेदार पानी

Image
सूजी के चटपटे गोलगप्पे गर्मी आ गई है। हर गली-नुक्कड़ पर गोल गप्पों के ठेलों पर भीड़ बढ़ने लगी है गोल गप्पे का नाम सुनते ही बचपन की याद आ जाती है वो उम्र ही और होती है ठेले के पास खड़े होकर एक और एक और का दौर चलता रहता था लेकिन क्या आप जानते हैं कि हर दुकान पर अलग-अलग टेस्ट वाले गोल गप्पों के नाम में भी इतनी ही वैराइटी है भारत में ही लोग इसे कई नामों से पहचानते हैं नॉर्थ इंडिया में इस डिश को ' गोल गप्पे ' नाम से जाना जाता है नॉर्थ इंडिया के गोल गप्पों का टेस्ट काफी कुछ एक जैसा होता है और बाकी जगहों से अच्छा भी ...यहां इसे मीठी चटनी के साथ लेते हैं और तीखे पानी में पुदीने, इमली के अलावा कई मसाले मिलाए जाते हैं कई जगहों पर गोल गप्पे गोल न होकर लंबे भी होते हैं यह डिश भारत और दुनिया में सबसे ज्यादा पॉप्युलर ' पानी पूरी 'नाम से महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और नेपाल के कुछ हिस्सों जानी जाती है पूर्वी भारत- पश्चिम बंगाल, असम, बिहार और झारखंड में इसे ' पुचका 'नाम से जाना जाता है टेस्ट और कॉन्टेंट की बात करें तो पुचके और पानी-पू

भूत जोलोकिया ( Capsicum Chinense Jacquin ) - दुनिया की सबसे तीखी मिर्च

Image
भूत जोलोकिया मिर्च  ( Bhut Jolokia ) खाने की रंगत और तीखापन बिना मिर्च के पूरा हो ही नहीं सकता जब तक सब्जी में मिर्ची वाली लाल रंगत नहीं दिखती तब तक स्वाद फीका रहता है मिर्च से यह लाल रंग और स्वाद का असली जायका आता है क्या आप सबसे तीखी मिर्च का नाम जानते हैं ? लोग अक्सर मानते हैं कि 'कश्मीरी मिर्च' ही सबसे तीखी होती है लेकिन ये गलत है इस मिर्च का यह नाम नागा क्षेत्र की पहाड़ी एव जँगलो मे पाए जाने वाले काल्पनिक भूत के नाम पर रखा गया है इसे भूत मिर्च, यू-मोरोक, लाल नागा, नागा , भूत जोलोकिया, बिह ज़ोलोकिया , तेजपुर मिर्च के रूप में भी जाना जाता है इस मिर्च को ' राजा मिर्च ' भी कहते हैं असम के कुछ हिस्सों में, इस मिर्च को नोगा ज़ोलोकिया कहा जाता है जिसका नाम नागालैंड के मैदानों और पहाड़ियों में रहने वाले क्रूर नागा योद्धाओं के नाम पर रखा गया है इस मिर्च का पाउडर इतना तीखा होता है कि चुटकीभर डालने से ही सब्जी एकदम तीखी और चटपटी हो सकती है यह मिर्च साधारण मिर्च की तुलना में 400 गुना ज़्यादा तीखी  है आमतौर पर ये मिर्ची नॉर्थ इंडिया में देखने को नहीं मिलती। ये आप

मनी प्लांट - ( Money Plant )

Image
मनी प्लांट - ( Money Plant ) घर में सुख-समृद्धि बनाए रखने के लिए वास्तु में कई उपाय बताए गए हैं। वास्तु के अनुसार अगर घर में मनी प्लांट लगा हो तो वातावरण सकारात्मक बना रहता है और धन संबंधी कामों में आ रही बाधाएं दूर हो सकती हैं अन्यथा मनी प्लांट की वजह से अशुभ फल मिल सकते हैं इसे लगाना बेहद आसान है और इसे ज्यादा केयर की भी आवश्यकता नही होती है। आप वर्किग होने के साथ अपना गार्डनिंग का शौक भी पुरा कर सकते हैं। फेंग शुई की माने तो घर में अगर मनी प्‍लांट लगाया जाए तो घर में बरक्‍कत बनी रहती है माना जाता है कि मनी प्लांट लगाने से घर में धन-धान्य की बढ़ोतरी तो होती ही है, घर का वातावरण भी शुद्ध होता है। यही वजह है कि लोग अपने घरों में मनी प्लांट लगाते हैं। मनी प्लांट लगाने से निगेटिव एनर्जी घर से दूर रहती है। मनी प्लांट लगाने से घर में नकारात्मक ऊर्जा के साथ-साथ आर्थिक तंगी भी दूर होती है। घर में लगा मनी प्लांट सुख- समृद्धि के आगमन में सहायता करता है।   मनी प्लांट से जुड़ी कुछ खास बातें, जिनका ध्यान रखना चाहिए 1. मनी प्लांट जितना हरा-भरा होता है, घर में धन का आगमन

बम्बइया मसाला वड़ा पाव ( Vada Pav )

Image
बम्बइया मसाला वड़ा पाव ( Vada Pav ) ' वड़ा-पाव ' मुंबई की अपनी ओरिजिनल डिश है इसमें स्वाद भी है और पेट भरने का पूरा इंतज़ाम भी कहीं तेज़ लहसुन की चटनी वाला वड़ा-पाव मिलता है,तो कहीं हरी मिर्च का झोंका ......आज वड़ा-पाव और मुंबई एक-दूसरे की पहचान बन चुके हैं स्कूल-कॉलेज के छात्र हों या बॉलीवुड के सितारे मिल मज़दूर हों या सियासी लीडर सबको वड़ा-पाव पसंद आता है भारत के सबसे बड़े शहर मुंबई में रोज़ाना कितने वड़ा-पाव बिकते हैं, किसी को अंदाज़ा नहीं मगर ये सब को पता है कि ये ख़ूब बिकते हैं मुंबई में बाहर खाने वाले कमोबेश हर शख़्स का पहला तजुर्बा वड़ा-पाव खाने का होता है क़ीमत कम होने की वजह से ये हर ख़ास ओ-आम की पहुंच में भी है कहा जाता है कि वड़ा-पाव को मुंबई के रहने वाले अशोक वैद्य ने 1966 में ईजाद किया था अशोक वैद्य ने वड़ा-पाव की पहली दुकान दादर स्टेशन के सामने खोली थी वहां से रोज़ाना हज़ारों मिल मज़दूर निकलकर पारेल और वर्ली के इलाक़ों में स्थित मिलों काम करने जाते थे उन सबको फ़टाफ़ट मिल जाने वाला ऐसा स्नैक चाहिए था, जो पेट भी भर दे और जेब भी न ढीली हो दिलचस्प बात ये ह

रसोई में काम आने वाले असरदार नुख्से ( Useful Kitchen Tips )

Image
रसोई में काम आने वाले असरदार नुख्से  काटने के बाद बैंगन का रंग ख़राब न हो इसलिए उस पर नमक मिला हुआ थोड़ा सा तेल लगा दे घर में मुलायम पनीर बनाने के लिए एक किलो दूध में आधा कप क्रीम मिलाएं और उसके बाद उस दूध का पनीर बनाएं पकोड़े के मिश्रण में बेसन के साथ थोड़ा सा मकई का अाटा मिला दें पकोड़े कुरकुरे बनेगे तुलसी का पत्ता बहुत मुलायम होता हैं और आसानी से ख़राब हो जाता है अगर आप किसी डिश में तुलसी के पत्ते का इस्तेमाल करना चाहती हैं तो उसे चाकू से काटने की जगह हाथो से तोड़कर डाले चॉकलेट हमेशा उबलते पानी में चॉकलेट वाला बर्तन रखकर पिघलाए सीधे चॉकलेट वाले बर्तन को गैस पर रखकर उसे पिघलाने से न सिर्फ चॉकलेट जलने का डर है बल्कि उसका स्वाद भी कड़वा हो सकता हैं आप चॉकलेट को माइक्रोवेव में 1 मिनट के लिए रखकर भी पिघला सकती हैं सलाद क्रिस्पी और क्रंची बने इसके लिए सब्जियों को काटने से पहले बर्फ वाले ठंडे पानी में कुछ देर डुबो दे कभी भी सब्जी को उबालने के बाद उस पानी को फेके नहीं उसका इस्तेमाल ग्रेवी सूप या रसम बनाने में करे उबले हुए आलू या पनीर को कदूकस में हल्का सा त

तरबूज का जूस ( Watermelon Juice )

Image
तरबूज का जूस  ( Watermelon Juice )    गर्मियों आते ही हम सब रसीले फलो की और आकर्षित होने लगते है इनमे एक ऐसा ही फल है ' तरबूज़ ' जिसे मुख्यता दक्षिण अफ्रीका में उगाया जाता था जहाँ से ये पूरी दुनिया में पहुंचा तरबूज में 92 % पानी और 8 % शुगर होती है इसके आलावा इसमें फाइबर होता है जो इसे सम्पूर्ण फल में बदल देता है जिसे खाने से शरीर में पानी का संतुलन बना रहता है गर्मी की तपन में क्या आपने तरबूज का शरबत पिया है ? तरबूज का शरबत उत्तर भारत में तो अधिक लोकप्रिय नहीं है लेकिन मुम्बई में तरबूज का शरबत बहुत पसन्द किया जाता है तरबूज और इसका जूस पीने से गर्मी के मौसम में शरीर में पानी की कमी नहीं होती है और शरीर को ठंडक भी प्रदान करता है.   सामग्री 2- किलोग्राम तरबूज 1 - निम्बू 1 - कप आइसक्यूब  पुदीने की पत्तियां गार्निश के लिए चीनी ,काली मिर्च ,नमक स्वादनुसार बनाने की विधि तरबूज का शरबत बनाने के लिये सबसे पहले तरबूज को धोकर काटिये और फिर इसके मोटे हरे भाग को काट कर लाल गुदा से अलग कर दीजिये अब लाल वाले भाग को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट कर मिक्सी

"जंगल थैरेपी" यानि ( Shinrin Yoku ) "श्रिनरिन- योकू"......जीने के लिए जंगलो की और मुड़ता इंसान

Image
"जंगल थैरेपी"   जैसे जैसे बढ़ते प्रदूषण और एंटीबॉयटिक ,एलोपैथिक दवाइयों के इफ्फेक्ट सामने आ रहे है इंसान फिर से नेचुरल तरीके से इलाज करने की पद्दति की और जा रहा है आज उसे फिर से उन्ही जंगलो और पेड पौधो में जीवन नजर आ रहा जिन्हे वो तेज़ी से अंधाधुंध तरीके से काट कर समाप्त कर रहा था जापान में आजकल "जंगल थैरेपी" बहुत फेमस हो रही है। इसमें लोग जंगल में जाते हैं यहां धीरे-धीरे वॉक करते हैं, पत्तियों पर नंगे पैर चलते हैं और पेड़ों से लिपटकर उन्हें सूंघते हैं उन्हें फील करते हैं। ऐसा करते समय आसपास के साउन्ड्स पर भी ध्यान देते हैं, जो भी दिख रहा है उस पर ध्यान देते हैं। इसे जापानीज भाषा में "श्रिनरिन- योकू" कहा जाता है। जापान में इस थैरेपी के लिए 62 जगहें हैं जहां पर जाकर लोग ब्रीद करते हैं। इससे हेल्थ के कई फायदे होते हैं। एरिक ब्रिसबेयर, ट्री थैरेपी फेसिलिटेटर के अनुसार इसके बहुत सारे फायदे हैं,जैसे इम्यून सिस्टम ठीक होता है, स्ट्रेस कम होता है, डिप्रेशन खत्म होता है और हाई ब्लड प्रेशर कम होता है पेड़ो से निकलने वाले इसेंशियल

वो अद्भुत पौधे जो घर से प्रदूषण को कम कर वातावरण को शुद्ध करते है

Image
1989 में हुए नासा के 'क्लीन एयर स्टडी' से यह प्रमाणित हो गया है कि घर की हवा को शुद्ध करने के लिए घरेलू पौधे बेस्ट होते हैं घर के अंदर की हवा में काफी मात्रा में Benzene, Trichloroethylene, Ammonia जैसे कई तरह के हानिकारक रसायन पाये जाते हैं लेकिन नासा के वैज्ञानिकों का दावा है कि घर के भीतर बढ़ते वायु-प्रदूषण के स्तर को कम करने में ये घरेलू पौधे बहुमूल्य हथियार के रूप में काम करते हैं कुछ पौधे ऐसे होते हैं कि हमारे घरों, सार्वजनिक स्थलों और कार्यालयों के अंदर की हानिकारक गैसों को 85% तक अवशोषित कर लेते हैं ये पौधे सिर्फ़ हानिकारक गैसों से निवारण ही नहीं करते, बल्कि आपके घरों को सुंदर बनाते हैं अच्छे स्वास्थ्य और साफ हवा के लिए अपने घरों में इनपौधों को ज़रूर लगाना चाहिए दिल्ली में वातावरण में प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ गया है कि अब इंसानों का सांस लेना भी दूभर हो गया है ऐसे में सबसे अच्छा विकल्प ये है कि पेड़-पौधों को खूब लगाया जाए Sansevieria (’Mother-in-Law’s Tongue’) यह काफी कठोर और किसी भी कंडीशन में रहने वाला पौधा है इसकी खास बात ये है